- श्री महाकालेश्वर मंदिर में एंट्री का हाईटेक सिस्टम हुआ लागू, RFID बैंड बांधकर ही श्रद्धालुओं को भस्म आरती में मिलेगा प्रवेश
- कार्तिक पूर्णिमा आज: उज्जैन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, माँ क्षिप्रा में स्नान के साथ करते हैं सिद्धवट पर पिंडदान
- भस्म आरती: भांग, चन्दन और मोतियों से बने त्रिपुण्ड और त्रिनेत्र अर्पित करके किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
- Ujjain: बैकुंठ चतुर्दशी आज, गोपाल मंदिर पर होगा अद्भुत हरि-हर मिलन; भगवान विष्णु को जगत का भार सौंपेंगे बाबा महाकाल
- भस्म आरती: रजत सर्प, चंद्र के साथ भांग और आभूषण से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, श्रद्धालुओं ने लिया भगवान का आशीर्वाद
बाबा महाकाल ने दिए निराले स्वरूप में दर्शन…रुद्राक्ष, मोगरा और पहनी मुंड माला; भस्म आरती का श्रृंगार
सार
विस्तार
बाबा महाकाल ने निराले स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट, मुंड माला धारण करवाई गई। आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि आज द्वादशी तिथि व सोमवार के संयोग पर भस्मआरती में बाबा महाकाल का अंजीर, रुद्राक्ष, मोगरा और मुंड माला पहनाकर विशेष श्रृंगार किया गया और बाद में कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई और भोग भी लगाया गया। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
गुजरात के श्रद्धालुजन ने भगवान को अर्पित की चांदी की सिल्लियां
मेहसाणा, गुजरात से दर्शन हेतु पधारे श्रद्धालु सिद्धराज सिंह चावड़ा ने भगवान श्री महाकाल के दर्शन किये एवं सत्तू गुरुजी की प्रेरणा से चांदी की दो सिल्लियाँ (वजन लगभग एक किलोग्राम) भगवान को अर्पित की। श्रद्धालु सिद्धराज सिंह ने बताया कि वे नियमित अंतराल से भगवान के दर्शन के लिये उज्जैन आते हैं। यहां उन्हें न सिर्फ भगवान की साक्षात अनुभूति होती है अपितु असीम शांति का अनुभव भी होता है।